महाविद्यालय में NCC की विधिवत एवं समुचित व्यवस्था है। NCC में नामांकन के लिए छात्र/छात्राएँ को ऑनलाइन NCC के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देने के बाद महाविद्यालय मे NCC के पदाधिकारी से संपर्क स्थापित कर नामांकन की प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। महाविद्यालय परिसर मे NCC कार्यालय अवस्थित है। 30% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित है।
छात्र 'B' Certificate तथा 'C' Certificate परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर नौकरी प्राप्त करने मे अपनी योग्यता में वृद्धि कर सकते हैं। इसके अलावे, प्रतिरक्षा सेवा करने में इससे सहायता मिलती है। एनसीसी में शामिल युवा लड़के और लड़कियों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है जिससे कि वे आने वाले समय में सेना में शामिल होकर असफल न बनें। उनके शरीर को ट्रेनिंग के दौरान मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार किया जाता है। एनसीसी भारत के लगभग हर स्कूल और विश्वविद्यालय में मौजूद है।
एनसीसी का मुख्य कथन "एकता और अनुशासन है। यह एनसीसी के मूल्यों को दर्शाता है। एनसीसी में शामिल होने वाले युवाओं को सर्टिफिकेट प्रदान किए जाते हैं जिससे कि वह अपनी गुणवत्ता बढ़ा सकें।
इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों में समाज सेवा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से मिथिला विश्वविद्यालय ने सन 1974 ई. में राष्ट्रीय सेवा योजना की एक इकाई का आवंटन
इस महाविद्यालय में किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है विद्यार्थियों में राष्ट्रीय तथा सामाजिक चेतना एवं सेवा भावना को जागृत करना तथा गांवों एवं शहरों के कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति को छात्रों के माध्यम से सुधार कर पुनर्निर्माण की दिशा में कारगर कदम उठानाहे। गरीबी और अशिक्षा एवं रूढ़िवादिता से त्रस्त वर्तमान भारतीय सामाजिक व्यवस्था को छात्र छात्राओं के सहयोग एवं योगदान से मुक्त करने का प्रयास इस योजना के माध्यम से किया जा रहा है।
नामांकित छात्रों को एक सत्र में 120 घंटे समाजसेवा के विभिन्न कार्य करने पड़ते हैं। साधारण कार्यक्रम के अंतर्गत शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थियों के द्वारा स्वास्थ्य व शिक्षा, नागरिक सुरक्षा, सफाई, वृक्षारोपण आदि अनेक महत्वपूर्ण कार्य संपादित होते हैं आदर्श ग्राम निर्माण की दिशा में भी यहां की इकाई प्रयत्नशील है इसमें किसी चुने गए गांव में स्वास्थ्य, निरक्षरता निवारण, सड़क मरम्मत, वृक्षारोपण एवं कृषि विषयक नवीन जानकारी से गांव के लोगों को अवगत कराना भूमि सुधार में सहयोग देना तथा ग्रामीण कुप्रथाओं को समूल नष्ट करना आदि कार्यक्रमों को व्यवहारिक रूप से सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कृत संकल्पित है। इसका "MOTTO-NOT ME BUT YOU" है। इस महाविद्यालय के स्वयंसेवकों ने प्री. आर. डी. कैंप, आर. डी केम्प, नेशनल एंट्रीग्रेशन केम्प आदि में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर महाविद्यालय का नाम रौशन किया है। पूर्व के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. अनंत प्रसाद गुप्ता ने आर. डी कैंप 2003 में बिहार एवम् प्री. आर.डी कैंप नई दिल्ली में बिहार एवं झारखंड के कंटीजेंट लीडर के रूप में दो राज्यों के प्रतिनिधित्व किया जिससे महाविद्यालय का नाम राष्ट्रीय स्तर पर चमका ।